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कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण ,कारण और उपाय ?

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    कोलेस्ट्रॉल,, नाम तो सुना ही होगा, और सुना भी क्यों न हो। यह बिमारी आज कल इतनी आम जो बन चुकी है। लेकिन यह बिमारी जितनी आम है उतनी ही खतरनाक भी है। आज कल हर उम्र के लोग इस बिमारी की चपेत में आ रहे है। चाहे फिर वो बच्चों हो, बुजुर्ग हो या फिर युवा हो। जिसका जिम्मेदार कोई और नहीं बल्कि हम ही है। क्योंकि हमने अपनी जीवनशैली ही ऐसी कर ली है जिससे कि कोई न कोई बिमारी के हम शिकार हो ही जाते है। आज के समय में शायद ही कोई ऐसा हो किसी न किसी बिमारी से पीड़ित ना हो, और दवाई ना लेता हो। कोलेस्ट्रॉल को दिल का सबसे बड़ा दुश्मन माना जाता है। कोलेस्ट्रॉल के कारण ही ही दिल की बीमारी जैसे कि हार्ट अटैक की समस्या होती है। कोलेस्ट्रॉल का जरूरत से ज्यादा बढ़ना या फिर घटना दोनों ही हमारे लिए हानिकारक है। 

    क्या है कोलेस्ट्रॉल

    कोलेस्ट्रॉल एक तरह का फैट होता है। जिसका उत्पादन लीवर द्वारा किया जाता है। हमारे द्वारा जितनी चिकनी और तेलीय चीजे खाई जाएगी उतनी ही शरीर में इसकी मात्रा लगातार बढ़ती जाएगी। कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी है क्योंकि यह भोजन को पचाने, विटामिन-डी, कोशिका झिल्ली और कुछ हार्मोन्स के गठन के लिए जरूरी होता है। हमारा शरीर जरूरत के अनुसार कोलेस्ट्रॉल का उत्पादन कर लेता है। लेकिन इसी के साथ कोलेस्ट्रॉल कुछ खाद्य पदार्थों जैसे अंडा, मीट, पनीर आदि में भी पाया जाता है।कोलेस्ट्रॉल घुलनशील नहीं होता इसलिए यह शरीर के अन्य भागों तक खुद से नहीं पहुंच पाता। इसके लिए लिपोप्रोटीन कण की जरूरत होती है। जोकि कोलेस्ट्रॉल को रक्त के माध्यम से शरीर के अन्य भागों तक पहुंचाता है। लिपोप्रोटीन जोकि वसा और प्रोटीन का मिश्रण होता है। लेकिन यह कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर के लिए जितना फायदेमंद है उतना ही हानिकारक भी। क्योंकि कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अगर बढ़ जाए या फिर कम जाए तो यह शरीर के लिए बेहद ही हानिकारक है। कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने से दिल की बिमारी जैसे की हार्टअटैक समेत कई अन्य गंभीर बिमारियों का कारण बन सकता है। वहीं दूसरी और अगर कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है तो वो भी शरीर के लिए हानिकारक है।हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल अच्छा और बुरा यानि कि मुख्य रूप से दो प्रकार का कोलेस्ट्रॉल होता है :

    लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन 

    लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (LDL) और हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (HDL) एलडीएल इसे गंदा कोलेस्ट्रॉल के रूप में जाना जाता है। क्योंकि यह शरीर के हानिकारक है। अगर शरीर में इसकी मात्रा बढ़ती है तो यह दिल की बिमारी जैसे कि हार्ट अटैक का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है।अगर शरीर में इसकी मात्रा बढ़ जाती है तो यह धमनियों में इकट्ठा होने लगता है। जिससे कि रक्त का प्रवाह (blood flow) ठीक से नहीं हो पाता, ऐसी स्थिति में आपके दिल को रक्त को शरीर के अन्य भागों तक पहुंचाने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी। इस परिस्थिति को ही हाईपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर कहा जाता है। जिससे की हार्ट अटैक आने की संभावना कई गुणा बढ़ जाती है। 

    हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन

    हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन(HDL) जिसे अच्छे कॉलोस्ट्रॉल के रूप में भी जाना जाता है।जब लिपोप्रोटीन में प्रोटीन की मात्रा वसा से अधिक हो जाती है, तो इसे ही अच्छे कॉलोस्ट्रॉल के नाम से जाना जाता है।क्योंकि यह शरीर के लिए बेहद लाभदायक होता है। इसकी शरीर में मात्रा अधिक होने से दिल्ली की बीमारियों के होने की संभावना बेहद ही कम हो जाती है। क्योंकि यह हमरे शरीर में इकट्ठा हो रहे अधिक कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बाहर निकालने का काम करता है। यह हमारे शरीर में मौजूद कोलेस्ट्रॉल को रक्त के माध्यम से लीवर तक पहुंचाता है। जहां से इसका पाचन करके इसे शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है।

    कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण

    अगर किसी व्यक्ति को कोलेस्ट्रॉल की समस्या है तो उसके आपके शरीर में कई तरह के लक्षण दिखाई देंगे। जिससे आपको पता चल सकता है कि आपको कोलेस्ट्रॉल की बीमारी है या नहीं। इसी के साथ कोलेस्ट्रॉल कई अन्य बिमारियों का भी कारण है। कोलेस्ट्रॉल के कुछ लक्षण नीचे दिए गए है।

    • लगातार वजन बढ़ना

    अगर अचानक आपके वजन में तेजी से वृद्धि हो रही है तो कहीं न कहीं आपको कोलेस्ट्रॉल होने की संभावना कई गुणा बढ़ जाती है। क्योंकि यह कोलेस्ट्रॉल का एक मुख्य लक्षण है। तो इसे नजरअंदाज ना करें। 

    • पैरों में दर्द रहना

    वहीं अगर आपके पैरों में बिना किसी कारण के लगातार दर्द हो रहा है तो यह भी कोलेस्ट्रॉल का एक मुख्य संकेत हो सकता है। इसलिए बिना देरी किए तुरंत डॉक्टर से इसका चेकअप करवाएं। 

    • सीने में दर्द रहना

    अगर आपको लगातार सीने में दर्द रहने की शिकायत रहती है तो यह भी कोलेस्ट्रॉल का एक मुख्य लक्षण हो सकता है। यह गंभीर समस्या हो सकती है इसलिए इसका तुरंत इलाज करवाएं। 

    • ज्यादा पसीना आना

    अगर आपको ज्यादा पसीने की शिकायत है तो यह भी कोलेस्ट्रॉल का एक लक्षण हो सकता है। जोकि आगे जाकर किसी बड़ी बिमारी का कारण बन सकती है। अगर यह लक्षण दिखाई दें तो जाकर इसका चेकअप करवाएं। 

    • सांस फूलना

    अगर आपको सांस फूलने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो यह भी कोलेस्ट्रॉल का मुख्य लक्षण हो सकता है। क्योंकि कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर रक्त का हृदय और फेफड़ों में अच्छे से संचार नहीं हो पाता। जिससे कि बिना किसी मेहनत के किए अगर आपको सांस फूलने जैसी समस्या का सामना कर पड़ रहा है तो कहीं न कहीं आपको कोलेस्ट्रॉल होने की संभावना कई गुणा बढ़ जाती है। 

    • हाई बीपी

    कोलेस्ट्रॉल का एक मुख्य लक्षण अनियत्रिंत हाई ब्लड प्रेशर भी है। अगर आपको भी हाई बीपी की समस्या लगातार हो रही है। तो कहीं न कहीं आपको कोलेस्ट्रॉल की समस्या हो सकती है। 

    कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कारण

    कोलेस्ट्रॉल की बीमारी आज कल आम बन चुकी है। लेकिन यह बेहद ही खतरनाक है। हमारे शरीर को जितनी कोलेस्ट्रॉल की मात्रा की जरूरत होती है उतना हमारा शरीर खुद ही बना लेता है। लेकिन खाद्य पदार्थों में मौजूद कोलेस्ट्रॉल के सेवन से इसकी मात्रा हमारे शरीर में लगातार बढ़ने लगती है। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का मुख्य कारण हमारी जीवनशैली, खान-पान आदि शामिल है। कोलेस्ट्रॉल के मुख्य कारण नीचे दिए गए है। 

    • अंसतुलित आहार का सेवन

    असंतुलित आहार एक मुख्य कारण है कोलेस्ट्रॉल की मात्रा के बढ़ने से। आजकल का खान-पान हमारे लिए कही न कहीं बहुत सी बीमारियों का कारण बन रहा है। उनमें से एक कोलेस्ट्रॉल भी है। जिसमें जंकफूड खाना, तले पदार्थ खाना आदि शामिल है। यह हमारे शरीर के लिए बेहद हानिकारक होती है। क्योंकि इनमें वसा की मात्रा ज्यादा होती है। जोकि सीधा-सीधा हमारे कोलेस्ट्रॉल को प्रभावित करती है। इससे हमारे शरीर को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन नहीं मिल पाता । इन खाद्य पदार्थों के लगातार सेवन से हमारा वजन भी बढ़ने लगता है, और हमारा शरीर कई बिमारियों का घर बन जाता है। 

    • वंशानुगत कारण

    कोलेस्ट्रॉल की समस्या वंशानुगत भी हो सकती है। अगर आपके परिवार में  पापा,मां, दादा, दादी या फिर किसी को भी पहले कोलेस्ट्रॉल की समस्या रही हो तो आपको भी यह समस्या होने की संभावना हो सकती है। इसको एकदम से तो ठीक नहीं किया जा सकता है। लेकिन अगर आप इसका परहेज रखेंगे तो इस समस्या पर काफी हद तक नियत्रंण पाया जा सकता है। 

    • मानसिक तनाव होना

    मानसिक रूप से तनाव में होने से भी आपको कोलेस्ट्रॉल की समस्या हो सकती है। क्योंकि तनाव कई बिमारियों का कारण होता है। आज के समय में एक व्यक्ति कई तरह की परेशानियों जैसे कि करियर की चिंता, परिवार की चिंता समेत कई परेशानियों से घिरा होता है। तनाव लेने से व्यक्ति के शरीर में कोर्टीसोल (cortisol) नामक हार्मोन बढ़ जाता है। जिससे कि शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है। 

    • धूम्रपान करना

    वहीं कोलेस्ट्रोल का एक मुख्य कारण धूम्रपान करना भी है। क्योंकि जब भी व्यकित तनाव में होता है तो वह धूम्रपान का सहारा लेता है, हालांकि इससे कहीं न कहीं तनाव तो एक पल के लिए कम हो जाता है लेकिन इसका आपके शरीर पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे शरीर में एलडीएल यानि कि बुरे केलोस्ट्रॉल की मात्रा लगातार बढ़ने लगती है। 

    • शराब का सेवन करना

    अगर कोई व्यक्ति शराब का लगातार सेवन करते है तो उससे भी कोलेस्ट्रॉल की समस्या होने की संभावना कई गुणा बढ़ जाती है। क्योंकि शराब में कुछ ऐसे हानिकारत तत्व शामिल होते है जोकि सीधा हमारे शरीर में कोलेस्टॉल के स्तर को बढ़ाने का काम करते है। 

    कोलेस्ट्रॉल को रोकने के उपाय

    अगर कोई समस्या होती है तो उसका इलाज भी जरूर ही होता है वैसे ही कोलेस्ट्रॉल का भी इलाज संभव है कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए नीचे कुछ घरेलू उपाय दिए गए है। जोकि निम्नलिखित अनुसार है।

    • अखरोट

    अखरोट शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने का एक बहुत बढ़िया घरेलू उपाय है। अखरोट एनर्जी का भंडार है। जिसमें कैल्शियम, फाइबर, कॉपर समेत कई पोषक तत्व पाए जाते है। रोजाना सुबह चार अखरोट खाने से बहुत हद तक कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को नियत्रिंत किया जा सकता है। क्योंकि अखरोट खाने से रक्तवहनियों में एकत्रित कोलेस्ट्रॉल पिघलना शुरू होने लगता है। इसलिए रोजाना कम से कम चार अखरोट

    खाने की आदत डालिए। 

    • जंक फूड के सेवन से बचें

    कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का एक मुख्य कारण हमाराा खान-पान है। कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने पर आपको जंक फूड जैसे कि पिज्जा, बर्गर आदि के सेवन पर रोक लगानी पड़ेगी। क्योंकि इनका लगातार सेवन आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बढ़ाने का काम करता है। क्योंकि इन पदार्थों में वसा की मात्रा बहुत अधिक होती है। इसलिए कॉलोस्ट्रॉल बढ़ने पर जितना हो सके उतना इन चीजों के सेवन से बचना चाहिए। इन चीजों के सेवन का जितना सेवन कम करेंगे उतनी ही जल्दी कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होगी।

    • जैतून का तेल

    सब्जियों को बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाला तेल कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने का सबसे ज्यादा काम करता है। लेकिन किसी भी साधारण तेल की जगह जैतून के तेल का इस्तेमाल करना इस परेशानी को हल कर सकता है। क्योंकि यह शरीर के लिए बेहद ही फायेदमंद साबित होता है, और यह कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को भी नियत्रिंत करने में महत्वपूर्ण योगदान निभाता है।

    • संतुलित भोजन का सेवन करें

    संतुलित भोजन हमारे शरीर के लिए बेहद ही जरूरी होता है, और इससे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी नियत्रिंत रहती है। इसलिए अपने खान-पान में संतुलित और पौष्टिक भोजन को शामिल करें। 

    • अलसी के बीजों का करें इस्तेमाल

    कोलेस्ट्रॉल को कम करने में अलसी के बीज बेहद ही लाभकारी होते है। इनका प्रयोग अपनी रोजाना जिदंगी अपनाएं। इन बीजों को पीस कर इनका पाउडर बना लें। जिसके बाद खाना खाते समय एक चम्मच पाउडर अपने खाने में मिला लें। अगर आप इसका प्रयोग नियमित रूप से करेंगे तो आपको जल्द ही इसका असर देखने को मिलेगा।

    • सोया युक्त चीजों का करें प्रयोग

    सोया शरीर के लिए बेहद ही फायदेमंद होती है। कोलेस्ट्रॉल के रोगियों के लिए सोया बेहद ही लाभकारी होती है। क्योंकि इसमें प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है, और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करके उसको नियत्रित रखता है। 

    निष्कर्ष:

    जैसा कि आपने ऊपर कोलेस्ट्रॉल के शुरूआती लक्षण पढ़ें। अगर आप में इस तरह के लक्षण दिखाई देते है तो तुरंत ऊपर दिए गए उपायों का प्रयोग करें। या फिर किसी चिकित्सक के पास जाकर इसका इलाज करवाएं। क्योंकि अगर इसका इलाज इसके शुरूआती दिनों में ही करवा लिया जाएं । तो इस बीमारी को आसानी से ठीक किया जा सकता है। ऊपर बताएं गए उपायों का प्रयोग करने से पहले अपने किसी चिकित्सक या फिर किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। उससे बाद ही इनका प्रयोग करें। 

      Vanita

      AuthorVanita is a Hindi medical content writer working for NIRVASA Digital Health Clinic. She has been diligently writing on various health related issues catered to by NIRVASA.